विचित्र किंतु सत्य- मृत व्यक्ति में भी जान डालता है यह चमत्कारिक शिवलिंग
Astrology Articles I Posted on 30-12-2017 ,16:54:50 I by: vijay
आपका पढकर हैरानी होगी और शायद विश्वास भी ना हो लेकिन यह हजारों लोगों
द्वारा परखी हुई बात है। देश में महादेव का ऐसा मंदिर भी है, जहां इंसान
आता तो अर्थी के रूप में है लेकिन जाता अपने पैरों पर है।
प्रकृति
की वादियों में बसा यह गांव देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित
लाखामंडल नामक स्थान यमुना नदी की तट पर बर्नीगाड़ नामक जगह से सिर्फ 4 -5
किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। समुद्र तल से इस स्थान की ऊंचाई लगभग 1372
मीटर है। दिल को लुभाने वाली यह जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के
प्राचीन अवशेषों से घिरा हुआ है। यहां पर खुदाई करते वक्त विभिन्न आकार के
और विभिन्न ऐतिहासिक काल के हजारों शिवलिंग मिले हैं।
इसके विषय में माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों को जीवित आग में
भस्म करने के लिए उनके चचेरे भाई कौरवों ने यहीं लाक्षागृह का निर्माण
करवाया था।
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ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान इस स्थान पर स्वयं
युधिष्ठिर ने शिवलिंग को स्थापित किया था। इस शिवलिंग को आज भी महामंडेश्वर
नाम से जाना जाता है। जहां युधिष्ठिर ने शिवलिंग स्थापित किया था वहां एक
बहुत खूबसूरत मंदिर बनाया गया था। शिवलिंग के ठीक सामने दो द्वारपाल पश्चिम
की तरफ मुंह करके खड़े हुए दिखते हैं।
ऐसी मान्यता है कि मंदिर में अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने
रखकर मंदिर के पुजारी उस पर पवित्र जल छिड़कें तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के
लिए पुन: जीवित हो उठता है। जीवित होने के बाद वह भगवान का नाम लेता है और
उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है। गंगाजल ग्रहण करते ही उसकी आत्मा फिर से
शरीर त्यागकर चली जाती है।
इस बात का रहस्य क्या है यह आज तक
कोई नहीं जान पाया। इस मंदिर के पीछे दो द्वारपाल स्थित हैं, जिनमें से एक
का हाथ कटा हुआ है। अब ऐसा क्यों हैं यह बात आजतक एक रहस्य ही बना हुआ है।
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