अगर कुंडली में हैं ये योग, तो जरूर बनेंगे जर्नलिस्ट
Astrology Articles I Posted on 02-07-2016 ,18:22:38 I by:
कहते हैं जर्नलिस्ट बनना इतना आसान नहीं होता, जर्नलिस्ट बनने के लिए व्यक्ति के अंदर बोलने की व लिखने की कला कूट-कूट कर भरी होनी चाहिए, जैसे 4 शब्दों की बात को 4 पन्नों में भर देना या 2 पन्नों की बात को 4 शब्दों में बता देना लेकिन ऐसा जरूरी नहीं के जर्नलिस्ट बनने के लिए आपको इन सब चीज़ों का सीखना जरूरी हैं, ज्योतिष विद्या के अनुसार आपके गृह आपकी लिखने की शमता को अच्छा बनाते हैं या याँ कहे कि आप अपनी कुंडली द्वारा जान सकते हैं कि आप जर्नलिस्ट बन सकते हैं की नहीं।
जैसे की आप सभी जानते हैं की, ज्ञान की देवी सरस्वती जी को कहा गया हैं, इसका मतलब ये नहीं के स्वरस्वती जी आपको जर्नलिस्ट बनाती हैं।
अगर ज्योतिष विद्या की माने तो, मंगल इंक का सूचल दर्शाता है और बुध कलम का सूचक होता है। अगर आपकी कुंडली में ये दोनों गृह मिल जाते हैं तो आप जर्नलिस्ट बन सकते है, सिर्फ अपनी कलाओं को पहचानने की देरी होती है। जैसे एक व्यक्ति मंच पर आने से व बोलने से कतराता नहीं है, तो समझिए उस व्यक्ति के अंदर जर्नलिस्ट बनने के पूरे पूरे गुण है।
मंगल और बुध का योग जिस भी किसी की कुंडली में होता है, वे पढाई व लिखने की कला में निपुर्ण होता है। जब कुंडली में इन दोनो गृह का मिलान होता है तो इसका असर जल्दी होता है।
अगर गृह में बैठे घरों की बात करी जाए तो , तीसरा, पांचवा और दसवां घर सबसे अहम माना जाता है। तीसरा घर व्यक्ति के कम्युनिकेशन स्किल को दर्शाता है, पांचवा घर पढाई के साथ साथ बोलने की शमता को दर्शाता है और दसवां घर पेशे का सूचक होता है। जिस किसी की भी कुंडली में इन तीनो घरों का मिलान होता है, उसके जर्नलिस्ट बनने के पूरे- पूरे आसार होते है।
ज्योतिष विद्या की नजर से अमात्यकारक गृह की बात की जाए तो, जर्नलिस्ट बनने का योग अमात्यकारक गृह पर भी टिका होता है, शुक्र गृह को अमात्यकारक गृह के नाम से भी जाना जाता है, जहाँ मंगल और शुक्र मिल जाते है वह व्यक्ति जर्नलिस्ट बनने की सोच रखता है।
जो व्यक्ति प्रसिद्ध जर्नलिस्ट बनता है उसकी कुंडली में तीसरा घर जरूर होता है।