दो घंटे बाद होगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, भूलकर भी ना करें ये

भारतीय समयानुसार सूर्यग्रहण शाम 5 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा और रात 10 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। शास्त्र में कुछ ऐसे काम बताए गए है जो ग्रहण के समय नहीं करना चाहिए।


जब
चंद्र सूर्य व पृथ्वी के बीच आता है तब सूर्य कुछ देर के लिए अदृश्य हो जाता है। आम भाषा में इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं। इसमे चंद्र, सूर्य व पृथ्वी एक ही सीध में होते हैं व चंद्र पृथ्वी और सूर्य के बीच होने की वजह से चंद्र की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। सूर्य ग्रहण की सदैव अमावस्या के दिन घटित होता है।
पूर्ण ग्रहण के समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पूर्णत अवरुद्ध हो जाता है। ग्रहण को धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है। भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहण का बहुत महत्व है क्योंकि उनका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर होता है। वर्ष 2017 का पहला वलयाकार सूर्यग्रहण (रविवार) 26 फरवरी को घटित होने जा रहा है।
भारत के स्थानीय समयानुसार खंडग्रास सूर्य ग्रहण रविवार शाम 5 बजकर 40 मिनट पर प्रारंभ होकर रात 10 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। भारत के अलावा यह सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा।

ग्रहण का सूतक
रविवार 26 फरवरी को प्रातः 05 बजकर 40 मिनट से ही सूतक प्रारंभ हो जाएगा। परंतु यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा अतः इसका धार्मिक दृष्टिकोण से शुभाशुभ प्रभाव भी मान्य नहीं होगा। इसके बारे में ज्योतिषियों का कहना है कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व पर पड़ेगा। कुंभ राशि में घटित होने वाले इस ग्रहण से नौकरीपेशा, मजदूरों, जल संसाधन के कार्यों, मीडिया कर्मियों, राजनेताओं को परेशानी होगी। इस ग्रहण से सोने की कीमतों में थोड़ी मंदी के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में कमी भी आएगी।
भूलकर भी ना करें ये काम
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। ग्रहण के समय उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्हें भगवान का नाम जपना चाहिए जिससे गर्भ में पल रहे शिशु पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।

जब ग्रहण लगा हो उस समय किसी भगवान की प्रतिमा को नहीं छूना चाहिए। इसके साथ ही सोना, भोजन बनाना अौर खाना आदि कार्य नहीं करने चाहिए।

पति-पत्नी को ग्रहण के समय कामक्रीड़ा से दूर रहना चाहिए। शास्त्रों में माना जाता है कि इस समय गर्भधारण करने से पैदा हुआ बच्चा बुराईयों से लिप्त होता है।

जब ग्रहण लगता है तो उससे पहले भोजन कर लें। उसके बाद दूध, दही और खाने की चीजों में दूर्वा या तुलसी के पत्ते डाल दें। ऐसा करने से खाने की वस्तुओं में ग्रहण का असर नहीं पड़ता।

ग्रहण खत्म हो जाने के बाद घर की साफ-सफाई करें और स्वयं भी स्नान करें। उसके बाद जरुरतमंदों को दान देना चाहिए।

ग्रहण के समय भजन-कीर्तन, गुरु मंत्र का जाप, पूजा-पाठ आदि करना चाहिए। इससे आध्यात्म बल मिलता है और ग्रहण का असर कम होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि प्रतिमा पूजन न करें।
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