हनुमानजी से जुडा ऐसा राज जो कोई भी नहीं जानता
Astrology Articles I Posted on 26-09-2017 ,10:59:33 I by: vijay
कल पूरी दुनिया हनुमान जयंती धूमधाम से मनाएगी। इस शुभ मौके पर हम आपको
महावीर बजंरगबली से जुडी ऐसी बात बता रहे हैं ऐसी राज की बात जो बहुत कम
लोगों को पता है।
हनुमान जी के प्रमुख मन्दिरों में
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के अलावा आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को भी उत्सव मनाए
जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि श्री हनुमान श्रीराम के समानांतर ही
नहीं थे बल्कि उनके सहोदर यानी उनके भाई भी थे।
पुराणों
के अनुसार गुरु वशिष्ठ की आज्ञा से दशरथ जी ने श्रृंग ऋषि को पुत्रेष्टि
यज्ञ करने के लिए आमंत्रित किया गया। यज्ञ के सम्पन्न होने पर अग्निकुंड से
दिव्य खीर से भरा हुआ स्वर्ण पात्र हाथ में लिए अग्नि देव प्रकट हुए और
दशरथ से बोले, ‘‘देवता आप पर प्रसन्न हैं। यह दिव्य खीर अपनी रानियों को
खिला दीजिए। इससे आपको चार दिव्य पुत्रों की प्राप्ति होगी।
महाराजा दशरथ ने चारों रानियों को विशेष खीर पीने को दी। सभी रानियों ने
अपने-अपने हिस्से की खीर का सेवन कर लिया लेकिन जैसी ही महारानी सुमित्रा
खीर पीने लगी तो आधी खीर पीते ही एक चील आई और झपटठा मारकर खीर ले गर्इ।
हालांकि यह दैवीय व्यवस्था थी। ग्रंथों के अनुसार वह खीर
वायु के माध्यम से अंजना तक पहुचाई गई थी। हनुमान जी का जन्म हुआ इस प्रकार
राम जी का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी व हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा को
होना समीचीन प्रतीत होता है।
हनुमान जी अनंत दैवीय शक्तियों से भरपूर है| लंकापती रावण,
जो श्री रामजी को अपना प्रबल शत्रु समझता था, अशोक-वाटिका इनके उत्पात
मचाने पर अपने सैनिको से कहा “
न ह्यहं तं कपिं मन्ये कर्मणा प्रतितर्कयन” अर्थात उसके अद्भुत पराक्रम को जानते हुए मैं उसे वानर नही मान सकता। सेनापतियो आप लोग उसका अपमान नही करना,
“महत्सत्वमिदं ज्ञेयं कपिरूपं व्यवस्थितमं”-
यह वानररूप मे निश्चित ही कोई महाबलशाली अलौकिक पौरूष सम्पन्न प्राणी है।
इस प्रकार रावण जैसा दुर्दांत शत्रु भी प्रभु हनुमान जी से आंतरिक रूप से
भयभीत रहता था, अत: हनुमान जी की दिव्यता व अलौकिकता मे किसी भी प्रकार का
कोई संशय नही है।
हनुमान चालीसा में लिखा भी है भगवान राम हनुमान जी से कहते
हैं कि तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई। यानी राम कहते हैं कि हे हनुमान तुम
मुझे भरत के ही समान प्रिय हो। राम जी के ऐसा कहने का तात्पर्य रामायण की
कथा से ज्ञात होता है।
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