2022 : वर्ष की पहली अमावस्या आज, शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि
Astrology Articles I Posted on 01-01-2022 ,11:27:44 I by:

पिछले माह दिसम्बर से शुरू हुआ पौष आज अपना आधा सफर पूरा हो गया हैं। आज रविवार को वर्ष 2022 की पहली अमावस्या है, जिसे पौष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। नदी में स्नान के बाद सूर्य को अघ्र्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पावन तिथि पर पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है। इस पावन दिन दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।
आइए डालते हैं एक नजर पौष अमावस्या की पूजा विधि पर...
मुहूर्त-
पौष, कृष्ण अमावस्या प्रारम्भ सुबह 3 बजकर 41 मिनट पर अर्थात् 2 जनवरी 2020 को होगा। इसका समापन 3 जनवरी 2022 को दोपहर 12 बजकर 02 मिनट पर होगा।
पूजा- विधि
प्रात: जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सूर्य देव को अघ्र्य दें। जो व्यक्ति उपवास रख सकते हों उन्हें उपवास रखना चाहिए। इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए। पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें। इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।