Others I Posted on 11-07-2013 ,00:00:00 I by:
संध्या-वंदनादि करते समय कुश की पवित्री (अंगूठी) बनाकर अनामिका उंगली में पहनने का शास्त्रीय विधान है ताकि हाथ द्वारा संचित आध्यात्मिक शक्ति पुंज दूसरी उंगलियों में न जाए। इसका कारण यह है कि अनामिका के मूल में सूर्य का निवास माना गया है। सूर्य से हमें जीवनी-शक्ति, तेज और यश प्राप्त होता है। इस ऊर्जा को पृथ्वी में जाने से रोकने के लिए भी पवित्री धारण की जाती है। कुछ विचारकों को मानना है कि यदि हाथ की ऊर्जा की रक्षा न की जाए तो इसका दुष्परिणाम इमारे मस्तिष्क और ह्रदय पर भी पड सकता है।