स्कन्द षष्ठी देती है...सुख-संतान-सफलता!
दक्षिण भारत में स्कन्द सुप्रसिद्ध देवता हैं, जिनकी पूजा से संपन्नता प्राप्त होती है। स्कन्द देव, भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती के पुत्र और भगवान श्रीगणेश के भाई हैं। ....
जयपुर - दिनांक 6 दिसंबर 2024 का चौघ�&प्त2396;या, अभिजित मुहूर्त, राहुकाल, धर्म-कर्म पंचांग!
चर - 07:02 से 08:21,लाभ - 08:21 से 09:40,अमृत - 09:40 से 10:59,काल - 10:59 से 12:18,शुभ - 12:18 से 13:37,रोग - 13:37 से 14:56,उद्वेग - 14:56 से 16:15,चर - 16:15 से 17:34 ....
5 दिसंबर-वृश्चिक को आर्थिक लाभ और मीन को मिलेगी सफलता, जानें बाकी राशियों का हाल
ज्योतिष के अनुसार, 5 दिसंबर 2024 का दिन कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ संकेत लेकर आया है। ग्रहों की चाल और नक्षत्रों का संयोग वृश्चिक और मीन राशि वालों को खास सफलता दिलाने वाला है। आइए जानते हैं, बाकी राशियों के लिए यह दिन कैसा रहेगा।
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जानिये कब है मोक्षदा एकादशी, पूजन मुहूर्त व कब रखा जाएगा व्रत
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं- पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। ....
मार्गशीर्ष अमावस्या को करें यह काम, खुल जाएंगे माता लक्ष्मी के भंडार
मार्गशीर्ष अमावस्या को धार्मिक दृष्टि से शुभ तिथि माना जाता है। इस दिन किए जाने वाले कई ऎसे कार्य हैं ....
मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं शुR , बदलेगी इन 3 राशि के जातकों की किस्मत
धन के दाता शुR एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते है जिसका असर हर राशि के जातकों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य प़डता है। शुR को दैत्यों का गुरू कहा जाता है। इसके साथ ही शुR सुख-समृद्धि, धन-वैभव, मान-सम्मान, प्रेम, आकर्षण आदि का कारक माना जाता है। ऎसे में शुR की स्थिति में बदलाव का असर हर राशि के जातकों पर प़डने वाला है।....
शनि की कुंभ राशि में यात्रा: 29 मार्च तक कमों� का फल देंगे न्यायाधीश शनिदेव
शनिदेव, जिन्हें कमों� का न्यायाधीश कहा जाता है, वर्तमान में कुंभ राशि में विराजमान हैं और 29 मार्च तक इसी राशि में रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव हमारे अच्छे और बुरे कमों� का फल प्रदान करते हैं। यही कारण है कि इन्हें न्याय का देवता माना जाता है।....
जानिये कब मनाई जाएगी काल भैरव जयन्ती, पूजा मुहूर्त और विधि
हिंदू धर्म में भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। काल भैरव जयंती हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनायी जाती है।....
मंत्र जप के साथ करना चाहिए ध्यान: अगहन मास में श्रीकृष्ण पूजा से बढ़ाएं सकारात्मकता
अगहन मास, जिसे मार्गशीर्ष मास भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस पवित्र महीने में श्रीकृष्ण की पूजा, मंत्र जप और ध्यान का अत्यधिक महत्व है। इसे न केवल आध्यात्मिक उन्नति का समय माना जाता है, बल्कि यह मन और आत्मा में सकारात्मकता लाने का भी एक माध्यम है।....
अगहन मास की शुरूआत: 15 दिसंबर तक रहेगा, श्रीकृष्ण और शंख पूजा का विशेष महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार अगहन मास की शुरूआत हो गई है, जो 15 दिसंबर तक चलेगा। यह माह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस मास को भगवान श्रीकृष्ण और शंख पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। साथ ही, अक्षय पुण्य प्राप्त करने के लिए स्त्रान, दान और व्रत का भी विशेष महत्व है।....
कार्तिक पूर्णिमा आज, गया के विष्णुपद मंदिर में उम़डे आस्थावान
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बिहार के गया स्थित विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य मणिलाल बारीक ने आईएएनएस से बातचीत में कार्तिक पूर्णिमा के दिन दर्शन का खास महत्व बताया। ....
इंटरनेशनल पेंडुलम डाउजिंग एक्सपर्ट राजीव सरदाना : पेंडुलम डाउजिंग अदृश्य वर्तमान जानने का तरीका है!
प्राचीनकाल से ही दुनिया में डाउजिंग के अनेक तरीके लोकप्रिय रहे हैं, भारत में भाव आना, कजली भरना, शक्ति बुलाना जैसे, ऎसे ही अनेक तरीके प्रचलन में रहे हैंक्
पूरी दुनिया में पेंडुलम डाउजिंग आज भी अदृश्य वर्तमान को जानने के लिए सर्वाधिक लोकप्रिय है....
वRी अवस्था में हैं गुरू, इन उपायों से मजबूत करें गुरू ग्रह, कम होगा प्रभाव
गुरू इस समय वRी अवस्था में चल रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरू की वRी अवस्था को अनुकूल नहीं माना गया है। गुरू के वRी होने से व्यक्ति का मन धर्म कर्म के कायों� में कम लगता है। साथ ही ऎसे लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना प़डता है। हालांकि, राशि के अनुसार, सभी पर अलग -अलग प्रभाव होता है लेकिन, यदि कार्तिक मास के गुरूवार के दिन गुरू के संबंधित कुछ आसान उपाय कर लिए जाएं तो इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। ....
वRी अवस्था में हैं गुरू, इन उपायों से मजबूत करें गुरू ग्रह, कम होगा प्रभाव
गुरू इस समय वRी अवस्था में चल रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरू की वRी अवस्था को अनुकूल नहीं माना गया है। गुरू के वRी होने से व्यक्ति का मन धर्म कर्म के कायों� में कम लगता है। साथ ही ऎसे लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना प़डता है। हालांकि, राशि के अनुसार, सभी पर अलग -अलग प्रभाव होता है लेकिन, यदि कार्तिक मास के गुरूवार के दिन गुरू के संबंधित कुछ आसान उपाय कर लिए जाएं तो इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। ....
वRी अवस्था में हैं गुरू, इन उपायों से मजबूत करें गुरू ग्रह, कम होगा प्रभाव
गुरू इस समय वRी अवस्था में चल रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरू की वRी अवस्था को अनुकूल नहीं माना गया है। गुरू के वRी होने से व्यक्ति का मन धर्म कर्म के कायों� में कम लगता है।....