व्यक्ति में साहस,मंगल की स्थिति पर निर्भर

किसी भी व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए जरूरी है कि उसके किए गए कामों का प्रतिफल उसे सही समय पर मिले। कुछ लोग ऎसे भी होते हैं जो इसका अधिकार या बल से कुछ छीनने का प्रयास करते हैं। वे व्यक्ति जो अपनी योग्यता का सही अनुमान नहीं लगा पाते, कभी जनप्रिय या जगप्रसिद्ध नहीं हो पाते हैं। इसका उदाहरण हनुमानजी से लिया जा सकता है, यदि उन्हें अपनी भूली हुई शक्तियों की याद नही दिलाई जाती तो आज वे इस स्थान पर या इस स्थिति में पूज्य नहीं होते जिसमें वे हैं। अपनी उन असीम शक्तियों के बल पर ही वे श्रीराम के ह्वदय में अपना स्थान बना पाए। अपनी ऊर्जा और क्षमता का सही उपयोग जो व्यक्ति जीवन में कर लेता है और साहसपूर्ण तरीके से अपने कार्यो को अंजाम दे लेता है उस व्यक्ति की जन्मपत्रिका में मंगल श्रेष्ठ स्थिति में होते हैं। व्यक्ति में साहस का होना या ना होना जन्मपत्रिका में मंगल की स्थिति निर्धारित करती है।
यदि मंगल तीसरे, छठे या ग्यारहवें भाव में स्थित हों तो वे अच्छी स्थिति में होते हैं। इसके अतिरिक्त यदि वे मेष, वृश्चिक या मकर राशि में हों तो भी व्यक्ति में साहस भरपूर भर देते हैं। कमजोर मंगल वाला व्यक्ति कुछ डरा हुआ, अस्थिर विचार वाला और अपने सामने आए हुए अवसरों को कई बार गंवा देने वाला होता है। यहां यह तात्पर्य नहीं है कि यदि बलहीन हौंगे तो व्यक्ति सदैव डरा हुआ रहेगा और अन्य ग्रहों की भूमिका के कोई मायने नहीं रहेंगे। यहां तात्पर्य केवल साहस से है जो मंगल का विषय है। यह आश्चर्यजनक बात है कि जिन व्यक्तियों की जन्मपत्रिका में मंगल बहुत कमजोर हैं या फिर बहुत बली हों, उन व्यक्तियों का रूझान आराधना की दृष्टि से हनुमानजी की ओर अधिक रहता है या फिर देवी की शक्ति की उपासना करते हुए देखे जा सकते हैं।
मेष के मंगल
यदि जन्म पत्रिका मे मंगल मेष राशि में हों तो व्यक्ति अपने अधिकार के लिए सदैव ल़डता हुआ देखा जा सकता है। अपनी वस्तुओं का उपायोग बिना सहमति हो जाने पर उनको तकलीफ होती है। पराए मामलों मे टांग अ़डाना और दूसरों के लिए ल़डना उनकी खास आदत होती है। यद्यपि यह ल़डाई न्याय के लिए नहीं होती केवल साहस का प्रदर्शन करने के लिए होती है परन्तु फिर भी दूसरों के लिए तर्क-वितर्क करते इन्हें देखा जा सकता है। इनकी मानसिकता में यह शामिल होता है कि दूसरे को स्पष्टीकरण का मौका न दें और अपना वर्चस्व बनाए रखने का भरपूर प्रयास करें। रक्षा सेवाओं या पुलिस सेवाओं में यह बहुत अच्छे साबित हो सकते हैं। इनके इसी साहस प्रदर्शन को लेकर इनकी बुराई खूब होती है। किसी को मदद भी ये अपनी शर्तो पर देेंगे, इसलिए अधिकांशत: पीठ पीछे इनकी बुराई करते लोग मिल ही जाएंगे। भले ही यह किसी के लिए कितना ही काम कर लें, इन्हें विभीषण हर कदम पर मिलेंगे।
मंगल और दूरदर्शिता
किसी जन्मपत्रिका में यदि मंगल वृश्चिक राशि में हों तो वे अत्यधिक बलवान होते हैं। यद्यपि मेष भी इनकी स्वयं की राशि है परन्तु फिर भी मेष की तुलना में वृश्चिक राशि में दूरदर्शिता कूट-कूटकर देखने को मिलेगी। मेष के मंगल जहां साहस का प्रदर्शन कर अवसरों को हाथ से गंवाते हैं, वृश्चिक के मंगल अधिकार से उन्हें हासिल करने से कतई नहीं चूकते। जो पसंद आ गया उसको पाने के लिए साम-दाम-दण्ड-भेद और साथ में well planned strategy अपनाते हैं। तर्क क्षमता व्यावसायिक दृष्टिकोण से लाजवाब होती है और लाभ हानि की गणित पहले कर लेते हैं इसीलिए व्यावसायिक गतिविधियों में इनके साथ चलना आसान हो जाता है क्योंकि वहां भी यह अपनी ईमानदारी, निष्ठा और दूरदर्शिता का परिचय पूर्णतया दे देते हैं। वृश्चिक के मंगल में एक विशेषता और होती है कि वे व्यक्ति को परख कर स”ान के साथ स”ान और क्रूर के साथ क्रूर बनकर रिश्ता निभाते हैं। अपने हितों के सामने किसी को तकलीफ देने में भी इन्हें संकोच नहीं होता।
मकर के मंगल
यदि जन्मपत्रिका में मंगल मकर राशि में हों तो व्यक्ति अपने कार्य सम्पादन को बहुत सही ढंग से करता है और इसी के लिए वह सम्मान भी पाता है। धन के मामले में कंजूस और जो़डने वाला परन्तु जीवन के स्तर को सुधारने को हमेशा इच्छा रखते हुए काम करता है। दुस्साहस से दूर परन्तु साहस का परिचय बराबर देता मिलेगा। यह अपने साहस का प्रयोग बुद्धि के साथ करते हैं और कम मेहनत करके अधिक लाभ कैसे कमाया जाए इस चीज का ध्यान ज्यादा रखते हैं। जोश में होश ना खोना इनमें देखा जा सकता है जबकि मेष के मंगल मे यह बात देखने में नहीं मिलती।
कमजोर मंगल
जन्मपत्रिका में मंगल यदि नीच राशि में हों तो व्यक्ति महत्वाकांक्षी तो बहुत होता है परन्तु उसकी कार्यक्षमता महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित करती है। वे कार्यक्षमता में कमजोर देखे जा सकते हैं और हर काम में असफलता का डर मानसिक रूप से इन्हें परेशान किए रखता है। यदि जन्मपत्रिका मे मंगल कर्क राशि मे हों तो ऎसे व्यक्ति साहस का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। यदि ऎसे मे मंगल शनि अथवा बृहस्पति से दृष्ट हों तो व्यक्ति को मुश्किल समय में सहारा अवश्य मिल जाता है जो उसे समय-समय पर हिम्मत बंधाता रहता है। भय अथवा आशंका मे जीना व्यक्ति के लिए कठिन होता है और ऎसी स्थिति में व्यक्ति योग्य होते हुए भी अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाता है जिसकी वजह से कई बार वह महत्वपूर्ण चीजों को अपने सामने से दूसरोे को ले जाते हुए देखता है। ऎसा मंगल की कमजोर स्थिति में अधिक होता है।
उपाय
1. यदि जन्मपत्रिका में मंगल कमजोर हों तो व्यक्ति को ऎसे व्यक्तियों का साथ ढूंढना चाहिए जिनके मंगल बलवान हों।
2. अपने खाने में गु़ड का प्रयोग थो़डा सा बढ़ा दें।
3. लाल फूल वाले पौधे घर में लगाएं।
4. हनुमानजी की उपासना लगातार करें।
5. लाल फूल, फल, कप़डा मंगलवार को दान करें।
6. मंगल देव के मंत्रों का जाप करें।
7. पानी पीने के लिए तांबे के बर्तनों का उपयोग करें।
श्री राम शर्मा

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