इन शुभ नक्षत्रों में करें काम, सफल होने की फुल गारंटी

ज्योतिष शास्त्र में कुल सत्ताइस प्रकार के नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है। शुभ नक्षत्रों का ध्यान रखते हुए यदि कोई कार्य किया जाए तो उसमें सफलता मिल सकती है। यहां हम ऐसे कार्यों की विवेचना कर कर रहे हैं जिन्हें शुभ नक्षत्र में करने से लाभ मिल सकता है। 


विवाह आयोजन

वर-वधु की दिखाई रस्म, सगाई, विवाह आदि के लिए अश्वनी, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, स्वाति, अनुराधा, उत्तराषाढ़, श्रवण, रेवती और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र शुभ माने गए हैं।

कृषि कार्य
फसल की बुवाई, मढ़ाई, कटाई, हल चलाना, वृक्षारोपण जैसे कार्यों के लिए कृतिका, मृगशिरा, पुष्य, श्लेषा, मघा, उत्तराषाढ़, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती नक्षत्र उपयुक्त होते हैं।

वाहन और यात्रा
नए-पुराने वाहनों का क्रय-विक्रय, वाहन के उपयोग, वाहन के संचालन, वाहन से यात्रा करने या सवारी आदि के लिए मृगशिरा, पुष्य, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र शुभ माने गए हैं।

उद्योग और व्यापार
मशीनरी लगाने, रोजगार, व्यवसाय, वाणिज्य, व्यावसायिक विज्ञापनों के लिए अश्वनी, हस्त, चित्रा, शतभिषा नक्षत्र अच्छे माने गए हैं।

धार्मिक और शिक्षण कार्य
अक्षर ज्ञान, अध्ययन, अध्यापन, धार्मिक प्रवचन, स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय आदि के संचालन हेतु पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, श्रवण, धनिष्ठा, और रेवती नक्षत्र शुभ रहते हैं।

सरकारी और राजनीतिक कार्य
राज्याभिषेक, पद और शपथ ग्रहण, सरकारी कर्मियों की नियुक्ति, चुनाव प्रचार, राजनीतिक संगोष्ठी आदि कार्य चित्रा, जेष्ठा और शतभिषा नक्षत्र में निर्विवाद किए जा सकते हैं।

औषधि एवं चिकित्सा कार्य
औषधि एवं रसायन के निर्माण, औषधि सेवन, सर्जरी और चिकित्सा संबंधी अन्य कार्यों के लिए अश्वनी, विशाखा, अनुराधा नक्षत्र शुभ माने गए हैं।

भवन निर्माण कार्य
मकान, दूकान, मठ, मंदिर, रेललाइन, गुफा, छत, कुआं, सड़क और जल संबंधी कार्य रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़, उत्तराषाढ़, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में करना शुभ रहता हैं।

अन्य कार्य सभी प्रकार के मंगल कार्यों के लिए भरणी, आद्रा, श्लेषा, और मूल नक्षत्र निषिद्ध माने गए हैं। वहीँ संन्यास, गृह त्याग, वानप्रस्थ, मुकदमेबाजी, भिक्षुक आदि कार्य आद्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मूल, विशाखा नक्षत्र में किये जा सकते हैं।
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